गोदरेज, शादी के लिए अलमीरा लेनी हो या दुकान के लिए तिजोरी सबसे पहले हमें गोदरेज(Godrej) कंपनी का ही ध्यान आता है। भारत में आज भी गोदरेज लोगों के फेवरेट ब्रैंड्स में से एक है। यह देश की सबसे पुरानी कंपनियों में से एक है।
इस कंपनी के पीछे एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है, यह ब्रांड भारत की आजादी से बहुत पहले शुरू किया गया था और इसे एनी बेसेंट और रविंद्रनाथ टैगोर जैसे भारत के महान लोगों का सपोर्ट मिला है। यह ब्रैंड इतना पॉपुलर था कि इंग्लैंड की क्वीन ने भी भारत यात्रा के दौरान कंपनी के एक प्रोडक्ट का इसतेमाल किया था।
पढ़िएं क्या हैं ताले की कहानी-
यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो इंग्लैंड से आयातित ताले से भी बेहतर ताला बनाता था। वह भी एक बेहद छोटी सी जगह में रहते हुए। 7 मई 1897 में आर्देशिर गोदरेज (Ardeshir Godrej) ने अपने पहले जुनून वकालत को छोड़ने के बाद एक शेड में गोदरेज ग्रुप की शुरुआत की थी।
उन्होंने देखा कि विदेश में बने तालों में एक इंटीग्रेटेड स्प्रिंग होता था, जो अक्सर टूट जाता था। इससे उनके ताले इंग्लैंड से आयातित तालों की तुलना में अधिक किफायती हो जाते थे। इसके बाद उनके ताले खूब बिकने लगे। इसके बाद से गोदरेज ने कभी मुड़कर नहीं देखा। आज यह कंपनी कहां है, हम सब जानते हैं।
मेडिकल शॉप पर सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट बनाए
आर्देशिर गोदरेज ने वकालत की पढ़ाई की थी। इसके बाद वे पूर्वी अफ्रीका में वकालत करने गए। लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने वकालत छोड़ दी। वे भारत आकर एक मेडिकल शॉप पर असिस्टेंट का काम करने लगे। केमिस्ट की दुकान में काम करते हुए उन्होंने सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट बनाने की सोची। सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट का कारोबार शुरू करने के लिए उन्होंने 3,000 रुपए उधार लिए। उन्हें एक ब्रिटिश कंपनी के लिए सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट बनाने का मौका मिला था।
मेड इन इंडिया टैग से हो गया विवाद
आर्देशिर इंस्ट्रूमेंट बनाते थे और ब्रिटिश कंपनी बेचती थी। लेकिन इन प्रोडक्ट्स की ब्रैंडिंग पर विवाद हो गया। समस्या यह थी कि सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स पर किस कंपनी का नाम हो, आर्देशिर की कंपनी का या ब्रिटिश कंपनी का। आर्देशिर गोदरेज चाहते थे कि उनके प्रोडक्ट पर मेड इन इंडिया टैग लगे। लेकिन अंग्रेज इस बात पर सहमत नहीं थे।
चोरी की घटनाओं से आया नया आइडिया
मुंबई में चोरी की घटनाएं बढ़ रही थीं। अखबारों में चोरी की घटनाएं सुर्खियां बन रही थीं। यहीं से उन्हें नया प्रोडक्ट तैयार करने का आइडिया मिला। आर्देशिर ने मजबूत लॉकर बनाए। इसके बाद साल 1923 में उन्होंने अलमीरा बनाना शुरू किया। ताले और अलमीरा के बिजनस के बाद गोदरेज ने साबुन भी बनाया। गोदरेज ने बिना ऐनिमल फैट वाला दुनिया का पहला साबुन बनाया था। आजादी के बाद गोदरेज को विस्तार का एक अच्छा अवसर मिला।